गाड़ियों की हुई धड़ाधड़ बिक्री, SIAM ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े

SIAM का नया डेटा: पिछले महीने यानी अप्रैल 2025 में देशभर में कार कंपनियों ने कुल 3,48,847 पैसेंजर व्हीकल्स डीलरशिप्स तक भेजे। यह आंकड़ा पिछले साल अप्रैल 2024 के मुकाबले करीब 4 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल अप्रैल में यह संख्या 3,35,629 यूनिट्स थी। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के मुताबिक यह पैसेंजर वाहनों की अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री है। SIAM के महानिदेशक राजेश मेनन ने बताया कि अप्रैल 2025 में कुल 3.49 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है और यह बीते साल की तुलना में 3.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है।
टू-व्हीलर सेगमेंट में गिरावट देखी गई
जहां पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री में बढ़ोतरी हुई वहीं टू-व्हीलर्स यानी दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई। SIAM के अनुसार अप्रैल 2025 में दोपहिया वाहनों की कुल डिलीवरी 14,58,784 यूनिट्स रही जो अप्रैल 2024 के मुकाबले 17 प्रतिशत कम है। पिछले साल अप्रैल में यह आंकड़ा 17,51,393 यूनिट्स का था। इस गिरावट के पीछे बीते वर्ष का हाई बेस इफेक्ट और कुछ क्षेत्रों में मांग में कमी को जिम्मेदार माना जा रहा है।
स्कूटर और मोटरसाइकिल बिक्री में आई बड़ी गिरावट
अप्रैल 2025 में स्कूटर की कुल बिक्री 5,48,370 यूनिट्स रही जो कि अप्रैल 2024 की 5,81,277 यूनिट्स के मुकाबले 6 प्रतिशत कम है। वहीं मोटरसाइकिलों की बिक्री में और भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस बार यह आंकड़ा 8,71,666 यूनिट्स रहा जो कि पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत कम है। यह स्पष्ट करता है कि टू-व्हीलर बाजार को फिलहाल कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में इसमें सुधार हो सकता है।
थ्री-व्हीलर्स और नई रेगुलेशन की स्थिति
मोपेड्स की बिक्री भी घटकर 38,748 यूनिट्स पर आ गई जो कि पिछले साल अप्रैल की तुलना में 8 प्रतिशत कम है। अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 41,924 यूनिट्स का था। थ्री-व्हीलर वाहनों की बिक्री भी मामूली गिरावट के साथ 49,441 यूनिट्स पर रही। SIAM के महानिदेशक राजेश मेनन ने बताया कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने अप्रैल 2025 से लागू हुए OBD 2 रेगुलेशन (ऑन-बोर्ड डायग्नॉस्टिक सिस्टम फेज 2) के नए नियमों को सफलतापूर्वक अपना लिया है। इसके अलावा E-20 पेट्रोल (20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण वाला ईंधन) वाले वाहन भी अब देशभर में उपलब्ध हैं। इससे आने वाले समय में ऑटो सेक्टर में स्थिरता और तकनीकी प्रगति की उम्मीद है।